Sunday, November 22, 2009

MAA KA PYAAR

I'm new in this blogging world.So,i want to start it with a sweet poem about maa ka pyaar.Hope u like it:0
सोचा था एक दिन
एक दिन ये सोचा
बनाऊ मैं खाना
ऐसा खाना जो बनाई हो मैं ना
लगे ऐसा जैसे बनाई हो मेरी माँ ने
तेल, सब्जी, मसाले वसाले, सब दाल दिए
पानी भी मिलाया ताकि और बड़ियाँ पके
बीच बीच मैं इधर उधर गुमाती रही
एक कुर्चल के सहारे
बड़ी बेताबी थी चकने की
ना जाने कैसा बना हो
पर तब तक पुरा पका
जब पकी तब चाकी
कुछ अधर था
डाला नज़र रेसिपी किताब पर
सब पर रखे थे मैंने टिक्क मार्क
फिर सोचा की क्या हैं ये अधूरी
माँ भी बनाती थी ऐसा ही
फिर क्यूँ हैं ये अधूरी
फिर याद आया की
माँ एक बहुत ही
ख़ास और राज़ पदार्ट मिला थी
जो मैं कही मिला सखी
और वोह था

माँ का प्यार

5 comments:

Unknown said...

vry nice...................

Vivek RdY WaNnA b FuT C.A said...

feel good blog yar really very nice

Akhila said...

thanks for commenting......it actually gives one a great encouragement......i'm very happy:)

NAVEEN said...

good 1 dear :)

Unknown said...

jst roking story my dear swweet akki